Ayurvedic Treatment Of Piles In Hindi
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Ayurvedic Treatment Of Piles In Hindi

बवासीर के लिए आयुर्वेदिक उपचार (हिंदी में)     
Bavasir ( Bawasir) Kya Hoti Hai: बवासीर क्या होती है?

 

 

बवासीर, जिसे अंग्रेजी में पाइल्स (Piles) कहा जाता है, एक प्रकार की आंतरिक या बाहरी श्लेष्माशय मांसपेशियों की समस्या है। यह हमारे गुदा (ऐनस) के आसपास की नसों या मस्सों की सूजन और प्रदाह केकारण होती है। यह समस्या आमतौर पर कब्ज, शारीरिक गतिविधियों में कमी, बैठने की लंबी अवधि, शराबऔर तंबाकू का सेवन, और प्राकृतिक उम्रदराज आदि कारकों के कारण होती है। 

 

Bavasir Mein Kya Hota Hai: बवासीर में क्या होता है?

बवासीर में मुख्य रूप से तीन प्रकार की समस्याएं होती हैं

  1. आंतरिक बवासीर: यह नसों की सूजन के कारण होती है जो गुदा की आंतरिक भाग में स्थानित होती हैं।इसके लक्षण में गुदा में दर्द, खून की उत्सर्जन, अंदरूनी खुजली और मलत्याग के दौरान अनुभव होने वाली खुदाई शामिल हो सकती है।
  2. बाहरी बवासीर: इसमें गुदा के बाहर गुदा के चारों ओर की नसों में सूजन होती है इससे मस्सों का उत्थान होता है  और वे गुदा के बाहर बाहर निकलते हैं, यह मस्से या गांठों के रूप में देखे जा सकते हैं  और इसकेसाथ दर्द,  खुजली और खूनी दस्त की समस्याएं हो सकती हैं।
  3. संकर्ण बवासीर: यह बवासीर की सबसे संग्रहीत और गंभीर स्थिति है। इसमें आंतरिक और बाहरी दोनोंप्रकार के बवासीर समाये होते हैं और उनमें संक्रमण हो जाता है इससे उच्च तापमान, तीव्र दर्द, पुरानेबवासीर की समस्या और पुराने इलाज की असफलता हो सकती है।
  4. बवासीर के कारण बहुत सारे हो सकते हैं, जैसे कब्ज, गलत खानपान, बैठे रहना, प्राकृतिक उम्रदराज, गर्भावस्था, शारीरिक गतिविधियों में कमी, और गुदा संबंधी समस्याएं। यदि आपको बवासीर के लक्षण होंतो आपको चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए ताकि सही उपचार और समस्या का समाधान हो सके।

Bawasir Kaisa Dikhta Hai: बवासीर कैसा दिखता है?

 

 

बवासीर का दिखने का तरीका इसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। यह निम्नलिखित रूपों मेंप्रकट हो सकता है:

  1. आंतरिक बवासीर: यदि आपको आंतरिक बवासीर है, तो आप गुदा के अंदर की ओर सूजन और वृद्धि केकारण  आंतरिक नसों में  मस्से बन सकते हैं। ये मस्से अक्सर गुदा के भीतर होते हैं, इसलिए आप उन्हें नहीं देख पाएंगे। लेकिन आपको दर्द, खुजली और मलत्याग के समय खुदाई की संवेदना हो सकती है।
  2. बाहरी बवासीर: बाहरी बवासीर में, गुदा के चारों ओर की नसों में सूजन होती है और मस्से गुदा के बाहरनिकलते हैं। ये मस्से आंशिक या पूर्ण रूप से बाहर निकल सकते हैं और आप उन्हें महसूस और देख सकतेहैं। इन मस्सों का आकार और संख्या भिन्न हो सकती है, और वे आमतौर पर लाल या गुलाबी रंग के होतेहैं। इसके साथ दर्द, खुजली, खूनी दस्त और एक संवेदनशील मस्से हो सकते हैं।
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Bawasir Ke Lakshan Hindi Mein: बवासीर के लक्षण हिंदी में